Akshardham Temple, New Jersey: भारत के बाहर अमेरिका में बना दुनिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर!!/ Largest Hindu Temple
Akshardham Temple, New Jersey: अमेरिका के न्यू जर्सी (New Jersey) में उद्घाटन होने वाले अक्षरधाम मंदिर को भारत के बाहर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हिंदू मंदिर माना जाएगा (World’s Largest Hindu Temple), और इसकी भव्यता इतनी है कि तस्वीरें देखकर आंखों में चमक आएगी।
इसका उद्घाटन 8 अक्टूबर को किया गया । भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत दुनिया भर के राष्ट्र अध्यक्षों और नेताओं ने इस अवसर पर शुभकामनाएं दी हैं। इस भव्य अक्षरधाम मंदिर का निर्माण BAPS स्वामिनारायण अक्षरधाम संगठन ने किया है। यह आध्यात्मिक गुरू भगवान स्वामीनारायण और संत प्रमुख स्वामी महाराज को समर्पित है, और इससे प्रेरित है। इस मंदिर का उद्घाटन होने से पहले ही इसकी भव्यता और समृद्धि की चर्चा हो रही है।
वर्तमान में मंदिर कुछ घंटे आगंतुकों के लिए खुला है, लेकिन कुछ निजी कार्यक्रमों के कारण 30 सितंबर से 17 अक्टूबर तक यह बंद रहेगा। मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, 30 सितंबर तक परिसर में सोमवार से शुक्रवार सुबह 10 बजे से शाम 4:30 बजे तक प्रवेश की अनुमति है।
New Jersey,USA के मंदिर को बनने में लगे 12 साल:
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, टाइम्स स्क्वायर से 90 मीटर दक्षिण में स्थित 183 एकड़ के इस मंदिर का निर्माण लगभग 12 साल में पूरा हुआ। इस 183 एकड़ के क्षेत्र में बने मंदिर का निर्माण प्राचीन हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार किया गया है।
न्यू जर्सी के रॉबिंसविले टाउनशिप (Robbinsville Township, New Jersey) में स्थित अक्षरधाम मंदिर का निर्माण 2011 में आरंभ हुआ था और यह 2023 तक चला। इस भव्य मंदिर की शृंगार और कला में विशेषज्ञता है जिसने 12,500 से अधिक स्वयंसेवकों को समेटा, जो अमेरिका भर से यहां आए थे।
अमेरिका में बहुत लंबा समय तक सर्दी रहती है और बारिश बर्फबारी अक्सर होती ही रहती है लेकिन इस ठंड में भी, स्वयंसेवक ने दिन-रात मेहनत की है ताकि मंदिर की शानदारता और सुंदरता में कोई कमी न रहे।
मंदिर में 10 हजार से अधिक मूर्तियां:
जानकारी के अनुसार, अक्षरधाम मंदिर का डिजाइन प्राचीन हिंदू धर्मग्रंथों और भारतीय संस्कृति के अनुसार किया गया है। इसमें 10,000 मूर्तियां, भारतीय संगीत वाद्ययंत्र, और नृत्य रूपों की नक्काशी है, जो इसे अद्वितीय बनाती हैं। मंदिर में एक मुख्य मंदिर, 12 उप-मंदिर, 9 शिखर, और 9 पिरामिड शिखर शामिल हैं। इसे लगभग एक हजार साल की आयु है, जो इसे अत्यधिक महत्त्वपूर्ण बनाती है।
इस ज्ञानपीठ में इतने सारे महान व्यक्तियों की मूर्तियाँ हैं, जिसे जानकार आपके होश उध जायेंगे – इसमें भगवान श्रीकृष्ण, भगवान वेद व्यास, भगवान बुद्ध, भगवान महावीर से लेकर अल्बर्ट आइंस्टीन, मार्टिन लूथर किंग, और रूमी जैसी विश्व मूर्तियां भी शामिल हैं।
यह सचमुच अद्वितीय है, इस स्थल को भारतीय संस्कृति और कला के एक श्रेष्ठ उदाहरण के रूप में बनाए रखा गया है।
इसमें 10,000 मूर्तियों एवं प्रतिमाओं, भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों और नृत्य रूपों की नक्काशी सहित प्राचीन भारतीय संस्कृति को सुंदरता से दर्शाने का कारण बनता है। इसे कंबोडिया के अंकोरवाट के बाद, संभवत: दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मंदिर माना जा सकता है।
दुनिया भर से लाये गए पत्थरों से बना है New Jersey का मंदिर:
अक्षरधाम मंदिर वास्तविकता में एक साकार नींव है, जो सनातन ज्ञान, संस्कृति, और सहस्त्राब्दी की धाराओं को समर्थन करता है। इसका निर्माण करने के लिए श्रद्धालुओं ने संपूर्ण विश्व से पत्थरों का चयन किया है, जिससे यह नक्काशीयों और सुंदरता से भरपूर है।
कहाँ- कहाँ से आये पत्थर New Jersey के मंदिर के लिए:
कई देशों से लाए गए पत्थरों ने इसे एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक भंडारगृह बना दिया है। इसमें नए और पुराने का मिलन है, जो इसे एक अद्वितीय स्थान बनाता है। इस मंदिर में लगभग 2 लाख घन फीट पत्थर का इस्तेमाल किया गया है। इसके लिए पत्थर भारत, बुल्गारिया, टर्की, चीन और ग्रीस से लाये गए थे लेकिन सबसे पहले इन सभी पत्त्थरो को राजस्थान भेजा गया था तराशने के लिए और फिर वहां से न्यू जर्सी (New Jersey)।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने इसे कला, संस्कृति, और स्थापत्य कला के क्षेत्र में मानवता के श्रृंगार का प्रतीक बताते हुए खुशी जताई है और अमेरिका को बधाई दी है।
New Jersey- मंदिर की बावड़ी में भारत की पवित्र नदियों का जल:
उन्होंने कहा कि कंबोडिया का अंगकोरवाट दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर है। यह दूसरा सबसे बड़ा मंदिर है। उन्होंने आगे कहा कि मैंने शुरुआत में कहा था कि यह मंदिर कला, अध्यात्म और संस्कृति का त्रिगुण संगम है।
यह बहुत ही महत्वपूर्ण और धार्मिक स्थल है जिसमें नदियों का संगम एक विशेषता है। इसका अनुभव करना एक अद्भुत अनुभव होगा, जहां आप सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं। इस अद्वितीय स्थान की योजना और निर्माण में जो मेहनत और उत्साह शामिल हुआ है, वह सचमुच अद्भुत है। क्या आपने इसे देखा है या कभी जानकारी सुनी है?
यह एक बहुत बड़ी योजना है, जिसमें दुनियाभर के 300 से अधिक जल निकायों का पानी शामिल किया गया है, और इसमें अमेरिका के सभी 50 राज्यों को भी शामिल किया गया है। यह एक महत्वपूर्ण पहलु है जो जल संसाधनों के प्रबंधन में साथी बनाने के लिए किया गया है, और इससे लाभ हो सकता है जल संरक्षण और साझा की दृष्टि से।
ज्ञानपीठ के संदेश:
ज्ञानपीठ अक्षरधाम महामंदिर की तीनों परतें अद्वितीय रूप से विवरण करती हैं। सबसे निचली परत, जगति, जो पृथ्वी से जुड़ी हुई है, आधार है। उसके ऊपर की परत कनपिथ है, जिसमें अद्वितीयता का अनुभव होता है, और सबसे ऊपर की परत मण्डोवर है, जो दिव्यता और ऊँचाई की प्राप्ति को प्रतिष्ठित करती है। महामंदिर की बड़ी जगती दुनिया को संकेत करती है और इसमें सात संदेश हैं, जो विभिन्न आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धाराओं को उजागर करते हैं। इसमें विश्व के महान धार्मिक आचार्यों और विचारकों की मूर्तियां शामिल हैं, जो ज्ञान और सद्गुण से भरी हैं।
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